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श्री राम लीला मेला

राम वरात
  • पर मनाया गया/दौरान: January
  • महत्व:

    श्री रामलीला मेला की स्थापना का कार्य सन 1901 में प्रारंभ हो गया था। श्री राम लीला का लीला कार्यक्रम, समय, लीला प्रांगण, अयोध्या लंका की स्थिति, लीला के संवादों की रचना, युद्ध प्रक्रिया, चरित्रों के अनुरूप वेशभूषा, दृश्यों का निर्माण, स्थान रचना तथा आवश्यक वस्तुओं आदि की रूपरेखा विदिशा के प्रथम धर्माधिकारी एवं संस्कृतज्ञ पंडित श्री विश्वनाथ जी शास्त्री जी के मार्गदर्शन में तैयार हुई एवं श्री रामलीला को मूर्त रुप सन 1902 में दिया गया । श्रीरामलीला के लिए मकर संक्रांति का समय उपयुक्त माना गया क्योंकि इस समय चरण तीर्थ मंदिर पर मेला भराता था, जिससे अधिक से अधिक श्रद्धालु गण श्रीरामलीला का लाभ ले सके। यह समय खेतीहर किसानों के लिए भी अनुकूल था ।